सोमवार, 28 अगस्त 2017

शीर्षक -नदिया की महिमा समझाऊँ          

                       आओ तुमको गीत सुनाऊँ,
                       नदिया की  महिमा समझाऊँ,
जीवन की यह भाग्य विधाता।
जन्मों का है इससे नाता।।
इसके जल से हरियाली है।
पूरे जग में खुशहाली है।।
कल-कल,छल-छल निर्मल बहता।
इसके जल से जीवन चलता।।
                   कितने गुण मैं तुम्हे बताऊं,
                   नदिया की महिमा समझाऊँ,

अगर नहीं नदिया होतीं तो?
सारे जग में बंजर होता।।
न मैं होता न तुम होते ,
न ये सारा जीवन होता।।
आज मगर हम भूल गए हैं।
अहंकार में डूब गए हैं।।
                    जल की कीमत क्या बतलाऊँ,
                    नदिया की महिमा बतलाऊँ,
आओ मिलकर इन्हें बचाएं।
पर्यावरण का साथ निभाएं।।
जल में कचरा न फैलाएं।
प्रदूषण से इसे बचाएं।।
                    बार-बार मैं यही बताऊँ
                    नदिया की महिमा समझाऊँ,
                    नदिया की महिमा.......

©®योगी योगेश
सर्वाधिकार सुरक्षित

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