सरकार कहती है ऑक्सीजन की कमी से किसी की मृत्यु नहीं हुई, शायद बच्चों ने जान-बूझकर साँस रोक ली होगी योगी जी, ये बच्चे आपको बदनाम करने के लिये कुछ भी कर सकते हैं। मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि देती मेरी रचना-
किलकारी का गला घोंट के चुप बैठे हो योगी जी,
कँहा गई हैं हमें बताओ मन कि बातें मोदी जी,
उनसे पूँछों कितनी पीड़ा जिनकी तुमने कोख हरी,
फूलों की बगिया सुखी है, रहती थी जो हरी भरी,
ऐसा तुमने दर्द दिया है, माता कैसे माफ करे,
ऐसा कोई मरहम है क्या, जो दामन की पीर हरे,
नोटें सत्ता तुमको प्यारी, हमको प्यारा बचपन है,
पिता बनोगे तब जानोगे, कैसे सीना छप्पन है,
धरातल की बात करो, उड़ना मत हमको सिखलाओ,
जन मानस की दूर समस्या करके सबको दिखलाओ,
रामराज्य आएगा कैसे हाहाकार मची है जी,
नेता अफसर ठेकेदारी लूटा लुटा मची है जी,
सरकारी आफिस में कितने अजगर कुंडली मारे हैं,
खून के आँसू जनता रोये चख के देखो खारे हैं,
नही जरूरत हमको देखो बुलेट ट्रेन मत चलवाओ,
खाली पड़े सिलेंडर उनमें पहले ऑक्सीजन भरवाओ,
सैनिक मरते बच्चे मरते मरते रोज किसान हैं,
प्रश्न पूंछती भारत माता कँहा बिका ईमान है,
©®योगेश मणि योगी
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किलकारी का गला घोंट के चुप बैठे हो योगी जी,
कँहा गई हैं हमें बताओ मन कि बातें मोदी जी,
उनसे पूँछों कितनी पीड़ा जिनकी तुमने कोख हरी,
फूलों की बगिया सुखी है, रहती थी जो हरी भरी,
ऐसा तुमने दर्द दिया है, माता कैसे माफ करे,
ऐसा कोई मरहम है क्या, जो दामन की पीर हरे,
नोटें सत्ता तुमको प्यारी, हमको प्यारा बचपन है,
पिता बनोगे तब जानोगे, कैसे सीना छप्पन है,
धरातल की बात करो, उड़ना मत हमको सिखलाओ,
जन मानस की दूर समस्या करके सबको दिखलाओ,
रामराज्य आएगा कैसे हाहाकार मची है जी,
नेता अफसर ठेकेदारी लूटा लुटा मची है जी,
सरकारी आफिस में कितने अजगर कुंडली मारे हैं,
खून के आँसू जनता रोये चख के देखो खारे हैं,
नही जरूरत हमको देखो बुलेट ट्रेन मत चलवाओ,
खाली पड़े सिलेंडर उनमें पहले ऑक्सीजन भरवाओ,
सैनिक मरते बच्चे मरते मरते रोज किसान हैं,
प्रश्न पूंछती भारत माता कँहा बिका ईमान है,
©®योगेश मणि योगी
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