शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

घनाक्षरी छंद- किसान को समर्पित

घनाक्षरी छंद
*1*
अन्न उपजाता थाली खाली तेरी भरता है,
देश मे किसानों को सम्मान मिलना चाहिये,
जिसने भरा हो पेट सदा सारे भारत का,
उसपे भी हमें अभिमान होना चाहिये,
मंडी में क्यों दाम नहीं मिलते अनाज के हैं,
 सरकारी कोई इंतजाम होना चाहिए,
उपज का सही दाम मिल जाय बात बने,
मुँह पर ही नहीं जय किसान होना चाहिए,
*2*
बोलो जै जवानो की पर भूलों न किसानों की,
सीमा पर वीर वो तो देश की ये शान हैं,
एक को शहादत पे तिरंगा मिले अच्छी बात,
दूजे के कफन का नहीं कोई इंतजाम है,
करें व सुरक्षा तो किसान भूख हर रहे,
फिर क्यों सदा ही एक तरफा जय गान है,
अन्न उपजाना गर इसने भी छोड़ दिया,
सुने हिंदुस्तान सारा आफत में जान है,

*3*
डाल पर लटकी है लाश आज भारत की,
देश की हर उन्नति को मेरा धिक्कार है,
जीवन देने वाला रोज जीवन है हार रहा,
देश को किसानों से क्यों जरा सा न प्यार है,
राजनीति के ही कारण अन्नदाता मरता है,
जिसके लिए ये सारा देश ही व्यापार है,
सारी सुविधाएँ मिल जायें गर किसानों को तो,
देश की तरक्की फिर होनी चहुँद्वार है,

सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी किसान

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