गीत-नदिया की महिमा समझाऊँ
आओ तुमको गीत सुनाऊँ,
नदिया की महिमा बतलाऊँ,
जीवन की यह भाग्य विधाता,
जनम मरण से इसका नाता,
इसके जल से हरियाली है,
सारे जग में खुशहाली है,
कितने गुण मैं तुम्हें सुनाऊँ,
नदिया की....
कल-कल, छल-छल निर्मल बहता,
इसके जल से जीवन चलता,
अगर नहीं नदियाँ होतीं तो,
सारा जग ये बंजर होता है,
आज मगर हम भूल गए हैं,
अहंकार में डूब गए हैं,
जल की कीमत क्या समझाऊँ,
नदिया की...
आओ मिलकर इन्हें बचाएँ,
पर्यावरण का साथ निभाएँ,
जल को इनके साफ रखें हम,
प्रदूषण से इन्हें बचाएँ,
जल है तो कल तभी बचेगा,
अगला जीवन यही कहेगा,
बार-बार गुणगान मैं गाउँ,
नदिया की महिमा...
सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी किसान
आओ तुमको गीत सुनाऊँ,
नदिया की महिमा बतलाऊँ,
जीवन की यह भाग्य विधाता,
जनम मरण से इसका नाता,
इसके जल से हरियाली है,
सारे जग में खुशहाली है,
कितने गुण मैं तुम्हें सुनाऊँ,
नदिया की....
कल-कल, छल-छल निर्मल बहता,
इसके जल से जीवन चलता,
अगर नहीं नदियाँ होतीं तो,
सारा जग ये बंजर होता है,
आज मगर हम भूल गए हैं,
अहंकार में डूब गए हैं,
जल की कीमत क्या समझाऊँ,
नदिया की...
आओ मिलकर इन्हें बचाएँ,
पर्यावरण का साथ निभाएँ,
जल को इनके साफ रखें हम,
प्रदूषण से इन्हें बचाएँ,
जल है तो कल तभी बचेगा,
अगला जीवन यही कहेगा,
बार-बार गुणगान मैं गाउँ,
नदिया की महिमा...
सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी किसान
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