गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

#जम्मू_कठुआ अबोध बालिका #आसिफा पर बदले की भावना से की गई वहशी क्रूरता पर बालिका को श्रद्धांजलि अर्पित करते मेरे विचार-

यह मेरे भारत की विचारधारा नही हो सकती,हिन्दू धर्म कभी बदला नही लेता वह सहिष्णु है वह मानव धर्म का पालन करने वाला है, लेकिन अब क्या??
धर्म के ठेकदरों ने धर्म को तहस नहस कर दिया, कँही यह तथाकथित धर्म के ठेकेदारों द्वारा धर्म और ईश्वर के अस्तित्व को निस्तोनाबूत करने की साज़िश तो नहीं।
रावण को हर साल मात्र इसलिए जलाया जाता है कि उसने माता सीता का मात्र अपहरण किया था?
इन रावणों का क्या माफ करियेगा इनको रावण कहना उचित नही ,इन दुष्ट, पापी,कलंकी,नीच,अधर्मी, जो धर्म की आड़ में भगवे की आड़ में ऐसे कुकृत्य को कर रहे हैं ,क्या कोई राम है जो इन भेड़ियों का मर्दन करेगा?
और उन लोगों का क्या होगा जो इन पापियों को बचाने के लिए आगे आएंगे,क्या उनकी बेटी के साथ इतनी ही दरिंदगी के साथ 7 लोगों ने यह अनाचार किया होता तो वह न्याय न माँगते?
हे राम यह तुम्हारे होने पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर देगा? अगर ऐसा ही चलता रहा??दुनिया अट्टाहास करेगी कि देखो देखो एक छोटी सी भूल की सजा रावण को देने वाले, अपने आप को मर्यादा पुरुषोत्तम कहने वाले राम ने इन दुष्टों पर अपना वज्रपात क्यों नही किया?


लेख सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी

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