दलित के नाम पर थाली का ऐसे भोज न खाओ,
हकीकत जानते सब हैं न ऐसे ढंग दिखलाओ,
नही सुविधाएं घर पर हैं किराए का समां देखो,
जरा बेवकूफियों से तुम नेताओं खार तो खाओ,
कभी हालात न सुधरे तुम्हारे भोज खाने से,
वतन तो खा रहे हो सब हमारा चैन न खाओ,
कभी जो सोचते हमको दलित सा नाम न होता,
हमें सोचो ह्रदय से और रोटी बेटी अपनाओ,
नही कर सकते हो ऐसा तो कैसे उन्नति आये,
बने हैं वोट के ही बैंक जरा ये सच तो बतलाओ,
©सर्वाधिकार सुरक्षित
मूलरूप में ही शेयर करें
योगेश योगी
हकीकत जानते सब हैं न ऐसे ढंग दिखलाओ,
नही सुविधाएं घर पर हैं किराए का समां देखो,
जरा बेवकूफियों से तुम नेताओं खार तो खाओ,
कभी हालात न सुधरे तुम्हारे भोज खाने से,
वतन तो खा रहे हो सब हमारा चैन न खाओ,
कभी जो सोचते हमको दलित सा नाम न होता,
हमें सोचो ह्रदय से और रोटी बेटी अपनाओ,
नही कर सकते हो ऐसा तो कैसे उन्नति आये,
बने हैं वोट के ही बैंक जरा ये सच तो बतलाओ,
©सर्वाधिकार सुरक्षित
मूलरूप में ही शेयर करें
योगेश योगी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें