मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

दलित के नाम पर थाली का ऐसे भोज न खाओ,
हकीकत जानते सब हैं न ऐसे ढंग दिखलाओ,
नही सुविधाएं घर पर हैं किराए का समां देखो,
जरा बेवकूफियों से तुम नेताओं खार तो खाओ,
कभी हालात न सुधरे तुम्हारे भोज खाने से,
वतन तो खा रहे हो सब हमारा चैन न खाओ,
कभी जो सोचते हमको दलित सा नाम न होता,
हमें सोचो ह्रदय से और रोटी बेटी अपनाओ,
नही कर सकते हो ऐसा तो कैसे उन्नति आये,
बने हैं वोट के ही बैंक जरा ये सच तो बतलाओ,

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योगेश योगी

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