देश की बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराती और मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि देती रचना-
बुनियादी सुविधाएं चाहिए मेरे हिंदुस्तान में,
ऐश अमीरी जिनको प्यारी जाएं पाकिस्तान में,
फिर मासूमों ने बलि दी है जिनको कुछ भी पता नहीं,
देश की घटिया राजनीति को फिर भी कोई खता नहीं,
कितने फाटक खुले पड़े हैं उनमें कोई रोक नहीं,
आने जाने वालों की क्यों उनमें कोई टोक नहीं,
बजट नही क्या इतना भी की फाटक कोई लग जाये,
बुलेट ट्रेन से नीचे सोचो तो दुर्घटना टल जाए,
नही जरूरत बुलट ट्रेन की नही चाँद में जाने की,
इंसानो को सिर्फ जरूरत बेसिक चीजें पाने की,
राजनीति की होड़ में तुम भी देश बनाना भूल गए,
जिन सपनो को सींचा हमने वो सारे ही शूल भए,
कभी ख़तम होती ऑक्सिजन कभी दवाई न मिलती,
फिर भी बाँछे खिली तुम्हारी कुर्सी तक है न हिलती,
क्योंकि तुमको मतलब न है जन मानस की पीड़ा से,
उनकी तुलना शायद करते तुछ नाली के कीड़ा से,
राजनीति में जनता के दुख दर्दों से तुम प्यार करो,
जैसा जिम्मा तुमको सौंपा वैसा तो अब काम करो,
सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी
बुनियादी सुविधाएं चाहिए मेरे हिंदुस्तान में,
ऐश अमीरी जिनको प्यारी जाएं पाकिस्तान में,
फिर मासूमों ने बलि दी है जिनको कुछ भी पता नहीं,
देश की घटिया राजनीति को फिर भी कोई खता नहीं,
कितने फाटक खुले पड़े हैं उनमें कोई रोक नहीं,
आने जाने वालों की क्यों उनमें कोई टोक नहीं,
बजट नही क्या इतना भी की फाटक कोई लग जाये,
बुलेट ट्रेन से नीचे सोचो तो दुर्घटना टल जाए,
नही जरूरत बुलट ट्रेन की नही चाँद में जाने की,
इंसानो को सिर्फ जरूरत बेसिक चीजें पाने की,
राजनीति की होड़ में तुम भी देश बनाना भूल गए,
जिन सपनो को सींचा हमने वो सारे ही शूल भए,
कभी ख़तम होती ऑक्सिजन कभी दवाई न मिलती,
फिर भी बाँछे खिली तुम्हारी कुर्सी तक है न हिलती,
क्योंकि तुमको मतलब न है जन मानस की पीड़ा से,
उनकी तुलना शायद करते तुछ नाली के कीड़ा से,
राजनीति में जनता के दुख दर्दों से तुम प्यार करो,
जैसा जिम्मा तुमको सौंपा वैसा तो अब काम करो,
सर्वाधिकार सुरक्षित
©®योगेश योगी
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