बुधवार, 29 अप्रैल 2020

#राइट_आफ़

अगर राइट आफ़ कर्ज माफी नहीं है, तो देश के सारे किसानों का ऋण राइट आफ़ कर दो मान जाएंगे...

है हिम्मत तो बोलो तुम।
सिले हुए मुँह खोलो तुम।।

लूट रहे हैं वतन मेरा, तन मे भगवा डालकर।
आंखें मूंदे सब चुप बैठे, लानत है इस हाल पर।।
क्यों किसान के कर्जे पर, अम्मा तेरी मर जाती है।
देश का पैसा लुटा रहे हो, तनिक लाज न आती है।।
जिनके हैं उद्दोग खड़े, उनको माफी दे जाते हो।
जो फांसी पर लटके हैं, उन पर गाली बरसाते हो।।
राष्ट्रभक्त कहते हो खुद को, जरा आईना देखो तुम।
आंखों से ये टीन का चश्मा, हटा किसां को देखो तुम।।
किये खजाने खाली तुमने, व्यापारी की झोली पर।
ट्रेन,हवाई,बीएसएनएल, बेंचे तुमने इक बोली पर।।
कहते हो मैं देश नहीं, बिकने दूँगा हर हाल पर।
नजर गड़ाए बैठे हो, क्यों RBI के माल पर।।
एक एक कर तुमने सबका, निम्बू खूब निचोड़ा है।
कोना कोना झाँक रहे हो, कँही बचा न थोड़ा है।।
आफत आती जब भारत पर, कहते बाबा दान करो।
नए नए फंडों पर पैसे, देने का आह्वान करो।।
जनता मूर्ख बनी हुई है, भेड़ चाल में फंसी हुई।
राजनीति की चालों में है, जानबूझकर धंसी हुई।।
बड़े बड़े लोगों के कर्जे, रोज माफ कर जाते हो।
पाप कँही लग जाए न, गंगा का पुत्र बताते हो।।
साफ बताओ इन अमीर से, रिश्ता क्या कहलाता है।
संविधान को ताक पे रखते, मन क्यों न शर्माता है।।
पूंजीपतियों के लोनों को, राइट आफ़ कराते हो।
फिर कहते हो माफ नहीं है, भ्रम उल्टा फैलाते हो।।
इतनी गणित हमें आती है, शब्दों में न उलझाओ।
स्वामीनाथन माँग रहे हैं, हिम्मत है तो दे जाओ।।
अगर नहीं कुछ राइट आफ तो, सब किसान के कर जाओ।
देखें हम भी 56 इंची इतना तो तुम कर जाओ।।

वैधानिक चेतावनी- सिर्फ #किसान #शेयर करें, #भक्त इस कविता रूपी पोस्ट पर 3 मीटर #सोसल_डिस्टेंस का पालन करें।

#राइट_आफ

©®योगेश योगी किसान
#स्वामीनाथन_रिपोर्ट_लागू_करो
#निजीकरण_बंद_करो

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