सोमवार, 4 मई 2020

माँ

माँ तो माँ होती है कौन नहीं जानता।
माँ से बड़ा कोई दूजा मैं नहीं मानता।।

माँ तेरे आँचल से जब भी लगी।
ऐसा लगा मानो दुनिया मिली।।
तेरा न होना अब भी खल रहा है।
तेरी यादों से जीवन चल रहा है।।
उदास होती हूँ तेरी याद आती है।
तू अब भी तो मेरे पास आती है।।
मानो हाथ फेरती हो सर पर मेरे।
ऐसा जैसे आँचल की छांव हो तेरे।।
जानती हूँ नश्वर है सबको जाना है।
तेरे पास कभी न कभी सबको आना है।।
तेरी यादें सुकून देती हैं मुझें अब भी।
तेरी डाँट बुरी नही लगी तब भी।।
तेरी गोदी की वो मिठास नहीं भूलती।
तेरी बाहों के झूले में सदा थी झूलती।।
सुलाना अपनी गोदी में थपकी देकर।
खुद जागना मेरे लिए झपकी लेकर।।
तुम कहती थीं न, रोना नहीं कभी भी।
माँ तेरी याद में कँहा रोई अभी भी।।
माँ सच मे तेरे एहसान नहीं भूल पाऊँगी।
मुस्कुराते हुए तेरा वचन निभाऊंगी।।
माँ जानती हूं तू हमेशा मेरे साथ रहेगी।
मुझे पहले जैसा ही सदा प्यार करेगी।।

©®योगेश योगी किसान
फ़ॉर लीना महदेले

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