हमे मंदिर चाहिए हमे मस्जिद चाहिए,हमे धर्म चाहिए,हमे ये चाहिए हमे वो चाहिए???????????
आखिर क्यों कभी व्यवस्थाओं को सुधारने और बुनियादी समस्याओं के लिए कभी आवाज नही उठाते हो ,देश को इनके अलावा भी जरूरत है बहुत सारी चीजों की ,आज तक एक रैली नही निकाली कभी किसानों के लिए ,न ही किसी सैनिक के लिए ,न ही किसी बलात्कारी के लिए,???
आज देश को इसके अलावा भी ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है,
किसानो की 90 एकड़ फसल जलकर राख हो जाती है व्यवस्था के नाम पर तुम्हारे पास क्या है 1 दमकल गाड़ी,
क्यों??
चारों तरफ 11000 वोल्ट के बिजली वायर ठेकेदारी की भेंट चढ़े इतने लूज हैं कि न जाने कौन से खेत मे किसान की बलि ले लें,
आखिर क्यों इन पर कोई बहस और बात नही करना चाहता?
राष्ट्र की धुरी हैं हम किसान!
फसल हमारी कर्मभूमि है , और व्यवस्था हमारा अधिकार?
शहरों में विकास के नाम पर गंगा बहाए जा रहे हो ,मतलब क्या है तुम्हारा क्या गांवों में कीड़े मकोड़े रहते हैं, शहरों को AIMS, IIT, IIM, मेट्रो,एयरपोर्ट,पार्क, सब कुछ ,
गाँवो में विकास के नाम पर सिर्फ मोहल्लों में घटिया RCC रोड बस!!
हो गया विकास??
याद रखो धर्म गांवों में ही जिंदा है,खेत और खलिहानों में जिंदा है, जिस दिन बगावत पर उतरे तो सम्हालना मुश्किल हो जाएगा।
सबके साथ साथ बुनियादी समस्याओं पर भी ध्यान दो?
©®योगेश योगी
लेख
आखिर क्यों कभी व्यवस्थाओं को सुधारने और बुनियादी समस्याओं के लिए कभी आवाज नही उठाते हो ,देश को इनके अलावा भी जरूरत है बहुत सारी चीजों की ,आज तक एक रैली नही निकाली कभी किसानों के लिए ,न ही किसी सैनिक के लिए ,न ही किसी बलात्कारी के लिए,???
आज देश को इसके अलावा भी ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है,
किसानो की 90 एकड़ फसल जलकर राख हो जाती है व्यवस्था के नाम पर तुम्हारे पास क्या है 1 दमकल गाड़ी,
क्यों??
चारों तरफ 11000 वोल्ट के बिजली वायर ठेकेदारी की भेंट चढ़े इतने लूज हैं कि न जाने कौन से खेत मे किसान की बलि ले लें,
आखिर क्यों इन पर कोई बहस और बात नही करना चाहता?
राष्ट्र की धुरी हैं हम किसान!
फसल हमारी कर्मभूमि है , और व्यवस्था हमारा अधिकार?
शहरों में विकास के नाम पर गंगा बहाए जा रहे हो ,मतलब क्या है तुम्हारा क्या गांवों में कीड़े मकोड़े रहते हैं, शहरों को AIMS, IIT, IIM, मेट्रो,एयरपोर्ट,पार्क, सब कुछ ,
गाँवो में विकास के नाम पर सिर्फ मोहल्लों में घटिया RCC रोड बस!!
हो गया विकास??
याद रखो धर्म गांवों में ही जिंदा है,खेत और खलिहानों में जिंदा है, जिस दिन बगावत पर उतरे तो सम्हालना मुश्किल हो जाएगा।
सबके साथ साथ बुनियादी समस्याओं पर भी ध्यान दो?
©®योगेश योगी
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