हिन्दू की ललकार का परिणाम होना चाहिए,
दुश्मनो की गर्दन का भी नाप होना चाहिए,
कब तलक यु हाथ पर हाथ रख बैठोगे तुम,
देश के गद्दारों को अब साफ़ होना चाहिए,
आज केरल संघ कार्यालय में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मात्र संघ पर ही हमला नहीं यह हमारी हिन्दू संस्कृति और हिंदुओं के अभिमान ,मान,सम्मान, पर हमला है। हम शान्ति परस्त लोग है जब पाकिस्तान के पेशावर में हमला होता है तब हमें मासूमो की मौत पर दुःख होता है पूरा देश अपनी प्रोफाइल बदल कर मोमबत्तियां लगाता है देश में हम कैंडल मार्च निकलते है क्योंकि हमें इंसानियत से मोहब्बत है, लेकिन बड़े ही शर्म की बात है कि केरल में वामपंथियों द्वारा लगातार हो रहे हमलों से मारे गए लोगों के लिए कोई आगे नहीं आता, न कोंग्रेश का पता चलता है,न सपा का,न मानवाधिकार वालों का,न गुलमेहर,न कन्हैया,न शाहरुख़,न सलमान,न दिग्विजय,न उमर खालिद, न बृन्दा करात, न सीताराम येचुरी,न रामजेठमलानी, न देश के चौथे स्तंभ का,न ही कोर्ट का,न अवार्ड वापस करने वालों का,न फतवा जारी करने वालों का, न ...इसका...न उसका... नाम लिखने बैठ जाऊं तो साल बीत जायेगा।
आखिर ये है क्या?
हमारे साथ ही दोगलापन क्यों?
हम हिंदुओं के साथ ही भेदभाव क्यों?
हमारी जानों के साथ ही खिलवाड़ क्यों?
हम हर घटना की सिर्फ निंदा करते है शायद इसलिए, अरे भैया हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो हमारे हायहों में वेद पुराण बहुत अच्छे लगते हैं, अगर माथा ठनका तो सब गारत हो जायेगा ,जयचंदों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जायेगा।
@कवि योगी
दुश्मनो की गर्दन का भी नाप होना चाहिए,
कब तलक यु हाथ पर हाथ रख बैठोगे तुम,
देश के गद्दारों को अब साफ़ होना चाहिए,
आज केरल संघ कार्यालय में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मात्र संघ पर ही हमला नहीं यह हमारी हिन्दू संस्कृति और हिंदुओं के अभिमान ,मान,सम्मान, पर हमला है। हम शान्ति परस्त लोग है जब पाकिस्तान के पेशावर में हमला होता है तब हमें मासूमो की मौत पर दुःख होता है पूरा देश अपनी प्रोफाइल बदल कर मोमबत्तियां लगाता है देश में हम कैंडल मार्च निकलते है क्योंकि हमें इंसानियत से मोहब्बत है, लेकिन बड़े ही शर्म की बात है कि केरल में वामपंथियों द्वारा लगातार हो रहे हमलों से मारे गए लोगों के लिए कोई आगे नहीं आता, न कोंग्रेश का पता चलता है,न सपा का,न मानवाधिकार वालों का,न गुलमेहर,न कन्हैया,न शाहरुख़,न सलमान,न दिग्विजय,न उमर खालिद, न बृन्दा करात, न सीताराम येचुरी,न रामजेठमलानी, न देश के चौथे स्तंभ का,न ही कोर्ट का,न अवार्ड वापस करने वालों का,न फतवा जारी करने वालों का, न ...इसका...न उसका... नाम लिखने बैठ जाऊं तो साल बीत जायेगा।
आखिर ये है क्या?
हमारे साथ ही दोगलापन क्यों?
हम हिंदुओं के साथ ही भेदभाव क्यों?
हमारी जानों के साथ ही खिलवाड़ क्यों?
हम हर घटना की सिर्फ निंदा करते है शायद इसलिए, अरे भैया हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो हमारे हायहों में वेद पुराण बहुत अच्छे लगते हैं, अगर माथा ठनका तो सब गारत हो जायेगा ,जयचंदों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जायेगा।
@कवि योगी
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