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काले गेहूं के फायदें।
आमतौर पर देश में लोकमन या शरबती गेहूं से बनी रोटी खाई जाती है। लेकिन, क्या आपको पता है गेहूं की एक वेरायटी काले गेहूं के रूप में भी आती है। काले गेहूं के आंटे से बनी चपाती का रंग भले ही देखने में काला व भूरा होने के कारण अलग लगता है, लेकिन ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसका स्वाद में भी कोई सानी नहीं है।
खासतौर पर सर्दियों में ये डॉइबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए बहुत लाभकारी होता है। सामान्य गेहूं के मुकाबले जहां इसमें एंटी ग्लूकोज तत्व ज्यादा होते हैं, जिसके कारण ये शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है, वहीं ये ब्लड सर्कुलेशन भी सामान्य बनाए रखता है, जिससे दिल भी स्वस्थ रहता है।
कई दवाओं से बचाता है काला गेहूं
वैसे तो काले गेहूं का सेवन हर मौसम में किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सिडेंट्स तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो आपको हर मौसम में फिट एंड हेल्दी रखता है। ऐसे में अगर आप दवाओं से बचे रहकर खुद को कई गंभीर और सामान्य बीमारियों से बचाए रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से काले गेहूं के आटे से बनी रोटी खा सकते हैं। तो आइए पहले जान लेते हैं क्या होता है काला गेहूं ? और क्या हैं इसके फायदे?
क्या हैं काले गेहूं ?
काला गेहूं , सामान्य दिखने वाले गेहूं की ही तरह एक अनाज होता है, जिसकी चपाती खाई जाती है। पंजाब के नाबी नामक एक इंस्टिट्यूट ने अपने 7 साल के लंबे रिसर्च के बाद इसकी खोज की है।
-दिल से रोगों को रखता है दूर
काले गेहूं का सेवन करने से दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम होता है, क्योंकि काले गेहूं में ट्राइग्लिसराइड तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा काले गेहूं में मौजूद मैग्नीशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है, जिससे शरीर में कोलेस्ट्राल का स्तर को सामान्य बना रहता है।
-कब्ज दूर करे
काले गेहूं का नियमित सेवन करने से शरीर को सही मात्रा में फाइबर प्राप्त होता है जिससे पेट के रोगों खासकर कब्ज में लाभ मिलता है।
-पेट के कैंसर में फायदा
काले गेहूं में मौजूद फाइबर से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पाचन संबंधी समस्याओं के अलावा पेट के कैंसर से भी निजात मिलती है।
-हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
इसके नियमित सेवन करने से शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल में उपयोगी होने के अलावा, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होता है
-डायबिटीज में असरदार
मधुमेह वाले लोगों के लिए सबसे उपयोगी होता है क्योंकि इसका सेवन करने से रक्त शर्करा यानि ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है।
-आंतों का इंफेक्शन करे खत्म
रोजाना काले गेहूं का अलग अलग रूपों में सेवन करने से शरीर में फाइबर का स्तर बेहतर होता है और आंतों के इंफेक्शन को ठीक करने में मदद मिलती है
-नए ऊतकों को बनाने में कागर
काले गेहूं में मौजूद जरूरी पौषक तत्वों में से एक फास्फोरस भी होता है, जो शरीर में नए ऊतकों को बनाने के साथ उनके रखरखाव में अहम भूमिका निभाता है जिससे शरीर सुचारु रुप से कार्य कर सके।
-एनीमिया
काले गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम के अलावा आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है । ऐसे में अगर आप रोजाना काले गेहूं का सेवन करते हैं, तो शरीर में रक्त की कमी यानि एनिमिया की बीमारी को दूर किया जा सकता है। इससे शरीर में आक्सीजन का स्तर सही रहता है।
-शरीर के विकास में मदद
काले गेहूं यानि साबुत अनाज में मैंगनीज उच्च मात्रा में पाया जाता है, मैंगनीज स्वस्थ चयापचय, विकास और शरीर के एंटीऑक्सिडेंट सुरक्षा के लिए आवश्यक भूमिका निभाता है।
-कोलेस्ट्राल को कम करता है
काले गेहूं में असंतृप्त वसीय अम्ल और फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है। ऐसे नियमित रूप से काले गेहूं का सेवन तब उपयोगी होता है जब वे रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में प्रभावी साबित होता।
-काले गेहूं के पौषक तत्व
साबुत अनाज में मौजूद पोषण मूल्य कई पके अनाजों की तुलना में काफी अधिक है। कच्चे अनाज की 3.5 औंस (100 ग्राम) में पोषण तथ्य होते हैं....
कैलोरी: 343
पानी: 10%
प्रोटीन: 13.3 ग्राम
कार्ब्स: 71.5 ग्राम
चीनी: 0 ग्राम
फाइबर: 10 ग्राम
वसा: 3.4 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट
काले गेहूं का उपयोग
काले गेहूं का उपयोग अनाज चाय में किया जाता है या इसे ग्रेट्स, आटा और नूडल्स के रूप में प्रयोग किया जाता है। जबकि कई यूरोपीय और एशियाई देशो में पारंपरिक व्यंजनों में मुख्य पदार्थ यानि चावल के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्तमान समय में देश में इसका उत्पादन अभी काफी कम है। बाजार में इसका औसत दाम ₹6000 प्रति क्विंटल से भी अधिक है।
©आवाज एक पहल
लवकुश
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