मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

काश यही काम सीमा पर खड़े जवान करने लगें,
जो हम आप कर रहे हैं?
धर्म की लड़ाईयां?


उदाहरण देता हूँ-
आपको ले चलता हूँ जंग के मैदान पर
जंग चल रही है सभी सैनिक हिन्दू मुस्लिम, सिख ,ईसाई ,पारसी,जैन इत्यादि  मोर्चे पर डटे हैं , अब दृश्य देखिये हिन्दू विद्याधर दुबे के बगल में ही एक सैनिक जोसेफ रोबर्ट लड़ रहा है उसकी गोलियां खत्म हो जाती हैं वह दुबे से कहता है यार मैगजीन फेंक !
दुबे क्या यह कहकर मना कर देंगा की तुम ईसाई हो हम तुम्हें गोली नहीं देंगे तुम्हारी हमारी परंपरा अलग है ?
अब जोसेफ के बगल में हामिद लड़ रहा है उसकी भी गोलियां खत्म हो जाती हैं उसके बगल में लड़ रहा कोई हिन्दू सैनिक क्या यह कहकर उसकी सहायता नहीं करेगा कि तुम्हारा धर्म अलग है मैँ तुम्हारी सहायता नहीं करूँगा?


अगर ऐसा होता तो आज हर जंग हम हारते और सीमाएं खत्म हो जातीं दुश्मन हमारे घरों में घुस कर हमें मारते वह यह नहीं देखते की तुम हिन्दू हो कि ईसाई हो कि पारसी या मुस्लिम उनकी नजर में तुम सिर्फ हिंदुस्तानी हो!


आपस का बैर भाव ये सब राजनीति की देन है अपने धर्म की इज़्ज़त करनी चाहिए अच्छा है लेकिन दूसरे के धर्म की इज़्ज़त न करें यह गलत है?
भारत संविधानिक देश है जँहा सबको बराबर हक है यंहा अनेकता में एकता है ऐसा हम नहीं हमारा संविधान और मौलिक अधिकार कहते हैं?


आशा है आप सब समझ गए होंगे मैं कहना क्या चाहता हूँ!

🙏🙏🙏
©योगेश योगी किसान

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