रविवार, 23 दिसंबर 2018

उत्तरप्रदेश में बेटी को अपराधियों द्वारा ज़िंदा जला देने पर सिस्टम से सवाल करती मेरी रचना-

फिर जली है बेटी देखो रामराज्य के आँगन में,
देशभक्त फिर दुबक गए हैं किस गणिका के दामन में,

मंदिर मंदिर मुस्लिम मुस्लिम कब तक आग लगाओगे,
बेटी को कल कहने वालो कब तक यूँ लजवाओगे,

कँहा गया एन्टी रोमियो कँहा गए अब योगी जी,
सत्ता की चासनी में डूबे चुप बैठे क्यों मोदी जी,

कँहा गए वो कवि महोदय मंचों से चिल्लाते हैं,
रामराज्य अब देश मे होगा हर दम यही बताते हैं,

राष्ट्रवाद की बातें करके उल्लू खूब बनाते हो,
जनता के हक की बातों पर कैसे चुप हो जाते हो,

आखिर क्यों अपराध हो रहे बेटी क्यों शिकार बने,
कितने काम सुरक्षा खतिर जुमलों से अखबार भरे,

दलित, ब्राम्हणी, जैन सिख न बेटी को इंसाफ मिले,
गाय की कीमत ज्यादा लगती मौत का नहीं जवाब मिले,

सारे राह लुटती है इज़्ज़त ज़िंदा वह जल जाती है,
रामराज्य की बात मुझे भी जुमला नजर ही आती है,

अगर यही है रामराज्य तो वन में रहना ठीक लगे,
ज़िंदा रहना अपने वतन में जैसे कोई भीख लगे,

घण्टों तक चिल्लाने वाली मीडिया नजर नही आई,
क्योंकि उसको बेटी में टीआरपी नजर नहीं आई,

इंसाफ नहीं मिलता आखिर क्यों जाति जाति में फर्क हुआ,
राजनीति के कारण मेरा भारत सच मे नर्क हुआ,

अपराधी से सांठगांठ की  राजनीति अब बंद करो,
देश की जनता सुख में रह ले कुछ ऐसे प्रबंध करो,



सर्वाधिकार सुरक्षित
मूलरूप में ही शेयर करें
©®योगेश योगी किसान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ईद मुबारक #Eidmubarak

  झूठों को भी ईद मुबारक, सच्चों को भी ईद मुबारक। धर्म नशे में डूबे हैं जो उन बच्चों को ईद मुबारक।। मुख में राम बगल में छुरी धर्म ध्वजा जो ...