मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

मुसलमानों को देश से निकाल दो , हलवा पूड़ी समझ रखा है क्या? यह क्षद्म बातें हैं जिसका मकसद सिर्फ राजनीति है, और वह दोनो धर्म के नेताओं के तरफ से बखूबी चल रही है । गद्दार मुसलमानों में हैं तो हिंदुओं में भी कमी नहीं है?
यह जानते हुए भी की देश से 20 करोड़ मुसलमानों को अलग नहीं किया जा सकता ,यदि किया जाएगा तो फिर देश का एक टुकड़ा अलग होगा,
फिर ये तथाकथित राष्ट्रवादी यह कहकर लोगों को मूर्ख क्यों बना रहे हैं कि हम अखंड भारत का निर्माण करेंगे???
और इनके तमाम संगठन अपनी जेब भरने और देश तोड़ने के लिए ही तो काम कर रहे हैं ?

हिंदुओं की इतनी ही फिक्र है तो क्यों नहीं ईसाइयों जैसे मल्टीस्पेसलिटी फ्री हॉस्पिटल,स्कूल जैसी निःशुल्क सेवाएं स्टार्ट कर रहे हैं ,
मंदिर बनाएंगे और फिर भगवान के दर्सन के लिए vip कोटा vvip कोटा से दर्सन की भी उगाही करेंगे! अरे क्यों उसे मंदिर का नाम दे रहे हो ,सीधे कहो बिज़नेस है !
ईश्वर तो कण  कण में है हर जीव में है, उसे महलों की और संगमरमर की जरूरत नहीं है।
अगर मुसलमान और ईसाई को यह कहकर आरोप लगाते हो कि वो देश तोड़ते हैं तो यकीन मानो हिन्दू संगठन कोई देश जोड़ने की बात नहीं कर रहे।
धर्म एक ऐसी लड़ाई है जिसमे बेशक इंसान तो जीत जाएगा लेकिन इंसानियत हार जाएगी।

ब्लॉग से
©योगेश योगी किसान

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