बुधवार, 21 जून 2017

कृपया किसान भाई ध्यान दें!!!
अपने हक की बात न करें क्योंकि वह दुनिया के सबसे ज्यादा कमाऊ इंसान हैं उन्हें हमेशा ही लाभ होता है कभी घाटा नहीं होता।
वह किसी प्रकार का आंदोलन न करे , हाँ परेशान होकर आत्महत्या कर सकता है,सीने पर गोली खा ले लेकिन अपना हक मांगने की बिल्कुल कोसिस न करे।
खरीफ की फसलों की तैयारी आ गई चलो बाजार चलते हैं-
#धान के संकर बीज जो हम अमीर किसान खरीदेंगे-
1.टाटा रॉलिश ₹380/- प्रति किलो
2. सिंजेंटा  ₹400/- प्रति किलो
3.निर्मल ₹370/- प्रति किलो
4.बायर ₹390/- प्रति किलो
5. अन्य कंपनियां ₹360 से ₹390/- प्रति किलो
#धान के आधार बीज की कीमत
लगभग ₹100 से ₹200/- प्रति किलो ग्राम
#धान के साधारण बीज
लगभग ₹60 से ₹100/- तक

# उड़द के मूल्य संकर
300 से 500/- प्रति किलो तक
# उड़द के आधार मूल्य
150/- से 300/- प्रति किलो

#तुवर के संकर बीज
₹300 से ₹500/- प्रति किलो तक
आधार बीज ₹150 से ₹300/- तक

अब हम दुनिया के सबसे #अमीर #किसान अपनी फसले बेंचते हैं और अरबपति बन जाते हैं उनकी दर-

#धानसरकारी मूल्य 14.70 प्रति किलो
मंडी मूल्य ₹9/- से ₹11/- अधिकतम
#उड़द मूल्य
₹28/- से ₹35/- प्रति किलो
#तुवर
₹29/-से ₹35/-प्रति किलो



फैशला आप करिये की बड़ा आदमी कौन बनेगा हम #अमीर किसान या ये हमें बेंचने और हमसे खरीदने वाले #गरीब लोग।

जय हो अन्नदाता इतने कष्टों के वावजूद तू एहसान फरामोस लोगों की थाली में भोजन पहुँचाता है और इन्हें देशभक्त समझता है जो तुझे आतंकी,समाजविरोधी,नक्सली,उग्रवादी, जाने क्या क्या पुरुस्कार देते हैं लेकिन तेरा हक नहीं देते।

जय जवान जय किसान

©®लेख सर्वाधिकार सुरक्षित
कवि योगेश मणि योगी





शनिवार, 10 जून 2017

किसान भाइयों आखिर क्यों?
आप हमेशा से इस देश के लिए अपना सर्वस्य समर्पण करते आये हो, क्या कुछ नही किया , आप दिन भर धूप में आपके बेटे फौज में!
आप यँहा मर रहे हो!
बेटे फौज में मर रहे हैं!
क्या फर्क पड़ता है देश को?
कभी भाजपा ,कभी कांग्रेश,कभी सपा कभी अन्य पार्टी,कभी महाकुम्भ में, कभी किसी संत के साथ कभी सत्संग के साथ, कभी राम मंदिर के लिए ,कभी इसके लिए कभी उसके लिए, हमेशा से ही अपना सर्वस्य समर्पण करने की चाहत में रहते हो देश का हर मुद्दा तुम्हे अपना लगता है।
और तुम्हारे हक के नाम पर देश को तुम पराये लगते हो।
कोई साथ आया क्या जिनके लिए रैलियों में जाते हो, भीड़ में जाते हो, सत्संगों में जाते हो ,यंहा वंहा सब जगह जाते हो। नहीं!!!
कोई नही आएगा?
इस बात को समझो तुम सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक हो?
तुम्हारे बेटे फौज में मरने के लिए।
और तुम खेत मे मारने के लिए बने हो।

हक मांगोगे तो इसी तरह से तुम्हे आतंकी, बुजदिल,धर्मविरोधी,देश विरोधी, समाज विरोधी, अन्नायकारी, अधर्मी, दंगाई, अत्याचारी, उदंड, आतंकी, नक्सलवादी, आदि आदि पुरुस्कारों से नवाजा जाएगा।

ये पैसे वाले लोग हैं तेरे कष्ट ,तेरे पांव के छाले नही समझ सकते , हाँ तेरे नाम पर राजनीति जरूर कर लेते हैं जो अभी भी जारी है।
जिसे तुमने किसानों का हमदर्द समझकर सत्ता तक चुनकर के भेजा है वो भी तलवे चाटने में व्यस्त हैं क्योंकि पैसा उनका भगवान है तू नही ।
भूल जा आंदोलन-वान्दोलन कुछ होने वाला नहीं,        तेरा हक मिलना होता तो मिल जाता ।
तेरा नसीब सिर्फ गोली है चाहे पीतल की हो या सल्फास की।
मत लड़ तू देश का है लेकिन देशवासी तेरे नहीं है।
तेरी दरकरार नहीं है इनको ,ये पिज़्ज़ा ,बर्गर, कोक, मिनरल वाटर, ब्लैक डॉग, सिग्नेचर, जॉनी वॉकर, वाले भावनाओं से रहित लोग हैं।
सब कुछ विदेशों से आयात कर लेंगे तेरे भरोसे नहीं हैं।
तू धरती का बेटा जरूर हैं लेकिन देश का नौकर है , याद रखना किसान पुत्र ।
ये देशवासी सब कुछ समझते हैं बस तुझे और तेरे दर्द को नहीं समझते।
लिख ले हर मौके पर तुझे ही गलत ठहराएंगे।

हाँ एक काम करना है तो कर, अपने कर्जे धीरे धीरे चुका और कसम खा ले अपने बच्चों ,की कर्ज नही लेगा आगे से।
और जब तेरा कर्ज चूक जाए तो अपने खेतों में अपने घर परिवार के जीवन यापन करने लायक फसले उगा, सिर्फ अपने परिवार के खाने के लिए कुछ मत बेंच।
मुझे मालूम है तू हर कुछ जीवन यापन करने को उगा सकता है, तुझे कुछ खरीदने की जरूरत नहीं।
पाषाण युग मे लौट जा।
जब देश तेरा नही सोचता तो तू भी गफलत में मत रह थोड़ा सा पत्थर बन।
तू अन्नदाता मत बन,
याद रख दुनिया बेईमान है।
और तू सिर्फ किसान है।।

©® योगेश मणि  योगी के वाल से
किसान पुत्र होने के नाते किसानों के लिए।

ईद मुबारक #Eidmubarak

  झूठों को भी ईद मुबारक, सच्चों को भी ईद मुबारक। धर्म नशे में डूबे हैं जो उन बच्चों को ईद मुबारक।। मुख में राम बगल में छुरी धर्म ध्वजा जो ...